मालिक हमारे अंग-संग
बाबाजी कई बार फ़रमाते है कि हर घड़ी, हर पल वो मालिक हमारे अंग-संग रहता है। दुःख-सुखः में कभी भी मालिक आपका साथ नही छोड़ते। परन्तु हम इस बात पर ध्यान नहीं देते, की हमारा भी कोई फ़र्ज़ बनता है उस मालिक के प्रति। हमे भी गुरु के प्रति प्रेम जगाना चाहिए। क्योंकि गुरु के बिना हम किसी भी कार्य में सफल नहीं हो सकते।
हमें परमात्मा की भक्ति और ज़ोर देना चाहिए। हमें मनुष्य जन्म मिला है तो उनका फायदा उठाना चाहिए। क्योंकि की मनुष्य जन्म सबसे उत्तम जन्म होता है। औऱ हम परमात्मा की भक्ति भी इसी जन्म में कर सकते हैं।
आपको दुःखो का सामना नहीं करना पड़ेगा
आप उस कुल मालिक की भक्ति करोगे तो कभी भी आपको दुःखो का सामना नहीं करना पड़ेगा। अगर फिर भी अगर आपको दुःखो का सामना करना पड़ता है वो भी बड़ी आसानी से निकल जायेगा।