महाराज चरण सिंह जी
अक्सर फरमाया करते थे कि मनुष्य जन्म में आने का केवल एक ही मकसद है| एक ही उद्देश्य है| इस आवागमन के चक्कर से छुटकारा मिले और हम अपने धाम यानि परमात्मा के पास पहुंच जाएं| तो हमारा उद्देश्य पूरा हो जाएगा|
भजन सिमरन जीवन का एक ढंग है
यह नहीं कि आप केवल कुछ घंटों के लिए एक कमरे में अपने आप को बंद कर ले और फिर सारा दिन भजन सुमिरन को भूले रहे| भजन को आपके जीवन का एक अंग बन जाना चाहिए और आप के हर दैनिक कार्य और व्यवहार में चलना चाहिए| यही अपने आप में भजन का प्रभाव है|
यह भी जानें :- संत मार्ग की अहमियत कोई विरला ही जाने।
संतमत की शिक्षा
के अनुसार रहना संतमत के वातावरण में रहना अपने आप में भजन ही है| आप अपने प्रतिदिन के भजन सुमिरन के लिए वह वातावरण क्षण क्षण बना रहे हैं| जो भी आप काम करें| वह भजन में बैठने के लिए आपके अंदर शौक और प्यार पैदा करेगा| इस प्रकार भजन हमारे लिए जीने का एक तरीका बन जाएगा| क्योंकि हम हर वक्त अपने भजन के द्वारा पैदा किए गए वातावरण में रहने और कार्य करने लगेंगे| जिससे भजन सिमरन में मन लगेगा और आध्यात्मिक रास्ते में बहुत सहायता मिलेगी|
|| राधा स्वामी जी ||
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