मन को शांत रखें, भजन सुमिरन विधि के लिए पढ़ें

संतमत में अक्सर समझा जाता है कि जब तक मन एकाग्र नहीं होगा। आप कुछ भी हासिल नहीं कर सकते। जब तक मन शांत होकर नहीं टिकता। आप भजन सुमिरन नहीं कर सकते। क्योंकि जब भी आप भजन सुमिरन करने बैठते हैं तो मन अपना खेल दिखाना शुरू कर देता है। मन आंखों के सामने अजीब-अजीब तस्वीर खड़ी करता रहता है। इसलिए संत महात्मा समझाते हैं कि भजन सुमिरन के लिए एकाग्रता बहुत जरूरी है। हर समय, हर हालात में और हर स्थान पर प्रार्थना करना संभव है। अक्सर बार-बार बोल कर की गयी विनतियों से ऊपर उठकर मन द्वारा और मन से भी ऊपर उठकर हृदय द्वारा विनती करना संभव है। ऐसी प्रार्थना से हमारे अंदर एकदम परमेश्वर के दरबार के पट खुल जाते हैं। बाबाजी समझाते हैं कि जब हम अभ्यास में बैठते हैं। तो हमें एकदम निश्चिंत होना चाहिए। सुमिरन करते समय केवल सुमिरन करना चाहिए और बाकी सब कुछ भूल कर अपने आप को खुले छोड़ देना चाहिए। इसलिए अभ्यास में सबसे पहले ध्यान तीसरे तिल पर रखकर सुमिरन करना चाहिए। हमें मन को अन्य हर प्रकार के विचारों में से निकालना है। और ध्यानपूर्वक सुमिरन में लगाना है। शुरू-शुरू में मन को सुमिरन में रखना अड़िय...