संत मार्ग की अहमियत कोई विरला ही जाने

राधा स्वामी सत्संग ब्यास में हमेशा हर धर्म का सम्मान किया जाता है! सभी धर्मों का जिक्र किया जाता है! सत्संग में किसी की नींद आए चुगली नहीं की जाती| यहां पर केवल परमार्थ की बातें ही की जाती है! आध्यात्मिक का ज्ञान दिया जाता है! संतों का उपदेश फरीद सकर खंड निवात गुड म माखीयो मांझा दूध|| सभे वसतू मीठीआं रब न पूजन तुध|| बाबा फरीद कहते हैं- शक्कर, गुड, खांड, मिश्री, गुड, शहद, भैंस का दूध- ये सब चीजें मीठी है, लेकिन हे परमात्मा! इनमें से कोई भी तुझ तक नहीं पहुंचती यानी तेरी या तेरे नाम की मिठास का मुकाबला नहीं कर सकती| महात्मा चाहे किसी जाति, धर्म, देश या समय में क्यों न आए हों, सबका एक ही संदेश और एक ही अनुभव है| वे दुनिया में जाति और धर्म बनाने के लिए नहीं आते|, न ही हमें एक-दूसरे से लड़ना भिड़ना-सिखाने आते हैं, बल्कि वह हमारे अंदर उस मालिक की भक्ति का शौक और प्यार पैदा करने और इस देह के बंधनों से आजाद करके हमें मालिक से मिलाने के लिए आते हैं| संतो महात्माओं की जाने के बाद हमारी सोच लेकिन हम दुनिया के जीव मालिक के भक्तों और प्यारों के जाने के बाद बाहरम...