बाबा जी ने बताया, ऐसे उठायें मनुष्य जन्म का लाभ

परमात्मा ने इंसान की जामे को सबसे ऊंचा रखा है। यह सीढी का आखिरी डंडा है। अगर कोशिश करते हैं तो मकान की छत पर चले जाते हैं यानी मालिक से मिल जाते हैं, अगर पैर फिसलता है तो सीधे नीचे चौरासी की जेलखाने में आ जाते हैं। कई जन्म कीड़ों-पतंगों के पाये, कई जन्म हाथी, मछली और हिरणों के पाये, कई जन्म पक्षियों और सांपों के मिले और कई जन्म घोड़ों, पशुओं और पेड़-पौधों के पाये। काफी समय के बाद परमात्मा ने अपनी भक्ति के लिए अब यह इंसान का जामा बख्शा है। हमें इससे पूरा फायदा उठाना चाहिए। बाबाजी का कथन :- अगर आपको मिल जाये ये दात, तो आप हो जायेंगे धनी मौलाना रूम फरमाते हैं हमचू सब्ज़ा बारहा रोईदा अम, नुह सदो-हफ्ताह क़ाबिल दीदा अम। अर्थात वनस्पति की तरह मैं कई बार पैदा हुआ हूं और नौ सौ सत्तर शरीर मैंने देखे हैं। कबीर साहिब समझाते हैं कबीर मानस जन्म दुर्लभ है होए न बारै बार।। जीउ बन फल पाके भुए गिरह बहुर न लागह डार।। जिस तरह वृक्ष से फल पक कर नीचे गिरता है तो वह फिर वृक्ष से वापस नहीं जुड़ सकता। इसी तरह अगर हम इंसान के जामे को अब व्यर्थ गंवा बैठेगे, तो फिर यह अवस...