शनिवार, 17 जुलाई 2021

कर्मों का हिसाब करना है तो ये काम करो।

Radha soami- सभी संत यही दोहराते आए हैं कि कर्मों का हिसाब इसी जन्म में करना पड़ता है। लेकिन कर्मों का हिसाब तो करना पड़ेगा, मगर हम उसको बहुत सरल तरीके से कर सकते हैं। यानी कि हम अपने कर्मों का बोझ हल्का कर सकते हैं।


अपने बुरे कर्मों का हिसाब, बोझ अगर हमें काम करना है, तो हमें एक आसान काम करना पड़ेगा। हमें किसी संत कि शरण में जाना होगा। जिससे हम कर्मों के बारे में बहुत कुछ जान सकते हैं और उनसे कैसे छुटकारा पाया जाए। इसकी युक्त भी हमें मिल जाती है।


संत बताते हैं की कर्मों का भुगतान तो हमें इसी योनि में करना पड़ता है। मगर हमें उनका कुछ कम कर सकते हैं। वह कैसे कर सकते हैं? कि हम अपने गुरु से नामदान की युक्ति प्राप्त करके और भजन-सुमिरन करके हम यह काम आसान कर सकते हैं।


इसलिए हमें किसी पूरे गुरु की शरण में जाना चाहिए। उनसे रूहानियत के बारे में जानकारी प्राप्त करनी चाहिए। क्योंकि संतो को पूरा अनुभव होता है कि कैसे रूहानियत पर चल कर हम अपने कर्मों का बोझ हल्का कर सकते हैं। और अपने निजघर पहुंच सकते हैं। इसलिए हम सब भजन-सुमिरन करें परमात्मा को प्राप्त करें।



गुरुवार, 4 मार्च 2021

कर्मों का हिसाब इसी जन्म में हो जाता है, यक़ीन नहीं तो ये पढ़ो।

Radha soami- सन्त-महात्मा बताते हैं कि अपने किये हुये सभी कर्मों का हिसाब इसी जन्म में हो जाता है। लेक़िन जीव समझ नहीं पाता। जो जीव किसी रूहानी विचारधारा वाले संगठन से जुड़ा है तो बड़ी आसानी से समझ सकता है। क्योंकि वहां पर रूहानियत के बारे में बताया जाता है कि कैसे जीव आने कर्मों का भुगतान करता है। किसी के कर्म आसानी से काट जाते हैं किसी को बहुत भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।



महात्मा बताते हैं कि इस चौरासी के जेलखाने में सब जीव अपना भुगतान करने आते हैं। कोई जीव कीड़े - मकोड़े, कोई जीव जानवर, कोई जीव पक्षियों के जन्म लेकर अपने कर्मों का भुगतान कर रहे हैं। किसी के अच्छे कर्म होते हैं वो जीव अच्छे से जीवन व्यतीत करते हैं बाकी जीव पूरी जिंदगी परेशानियों में निकल देते हैं।

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फिर बात आती है कि कर्मों को कैसे कम किया जाये। या कर्मों को कैसे काटा जाये। सन्त बताते हैं कि भाई किसी सन्त कि शरण में जाओ। किसी पूरे गुरु से रूहानियत की शिक्षा प्राप्त करो। नामदान प्राप्त करो। और भजन-सुमिरन करके अपने कर्मों का बोझ कम कर सकते हो। और अपने मनुष्य जन्म का फायदा उठाकर परमात्मा को प्राप्त करो। ताकि बार-बार इस चौरासी के चक्कर में ना पड़ना पड़े। सदा सदा के लिए हम अपने घर यानि परमात्मा की शरण मे चले जायें।

                   राधास्वामी

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राधास्वामी जी

आप सभी को दिल से राधास्वामी जी