संदेश

संत मार्ग में अहंकार सबसे बड़ी रुकावट लेबल वाली पोस्ट दिखाई जा रही हैं

मन को ऐसे करो काबू में।पढ़ना ना भूलें।

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संत हमेशा समझाते आए हैं कि इस दुनिया में कोई किसी का नहीं है। जितने भी हमारे यार, दोस्त, रिश्तेदार, सगे-संबंधी है। सभी केवल स्वार्थ के साथ जुड़े होते हैं। जब तक उनका स्वार्थ है। वह हमारे साथ हैं। जिस दिन उनका स्वार्थ पूरा हो जाएगा, वे कभी भी आपको नहीं पूछने आएंगे कि आप कैसे हैं? आप का काम कैसे चल रहा है? आपको कोई परेशानी तो नहीं है? एक कहानी है कि किसी का अपनी पत्नी के साथ बहुत प्रेम था। जब पत्नी की मृत्यु हो गयी तो उसने अपनी पत्नी को एक संदेश भेजना चाहा। उसने एक कमाई वाले अभ्यासी को अंतर में अपनी पत्नी को संदेश देने के लिए कहा। अभ्यासी पहले ध्यान अंदर ले गया और फिर बाहर ले आया। उसने अभ्यासी से पूछा की मेरी पत्नी क्या कहती है? अभ्यासी ने जवाब दिया, "वह पूछती है, कौन-सा पति? जब से मैं इस रचना में उतरी हूँ, मेरे इस नाम के अनेक पति हो चुके हैं। आप कौन से पति की बात कर रहे हैं?" यह है हमारे मोह की सीमा। हम सोचते हैं कि रिश्ते इतने असली और जरूरी है, हमारी इनकी प्रति बहुत जिम्मेदारी है पर रूहानी दृष्टि से देखने पर पता चलता है कि इस सारी सोच को पूरी तरह से पलटने की जरू...