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सतगुरु परमात्मा और जीवों के बीच की कड़ी: बाबाजी

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Radha Soami- सतगुरु एक रूहानी मार्गदर्शक यानी आदर्श हैं। उनका कार्य परमार्थ की खोजियों को सांसारिक बंधनों से छुड़ाकर रूहानियत के परम लक्ष्य तक ले जाना । सतगुरु सर्वोच्च है, सर्वव्यापक है और सब कुछ उन में समाया हुआ है। वहीं केंद्र बिंदु है, मध्य बिंदु और आधार बिंदु है। सतगुरु सृष्टि का रहस्य की कुंजी सतगुरु सृष्टि का रहस्य जानने की कुंजी है। सारा ब्रह्मांड उन्हीं में समाया हुआ है। जो सतगुरु के शब्द स्वरूप से जुड़ गए हैं। जिन्होंने उनका नूरी स्वरूप देखा है, जिन्हें आंतरिक अनुभव हो चुका है, वे जानते हैं कि सतगुरु और परमात्मा के बीच कोई भेद नहीं है। उनके लिए सतगुरु और परमात्मा एक ही है, अलग नहीं है।वह परमात्मा का हिस्सा है। यह भी पढ़े : मन में नम्रता, सेवा भाव से भजन सुमिरन में आसानी होती हैं दोनों एक ही शब्द, एक ही तेज़, एक ही शक्ति और एक ही चेतना है, ठीक उसी तरह जैसे सूरज और उसकी किरण। हमें निजी अनुभव से यह एहसास हो जाता है कि हमारे लिए पहली सच्चाई सतगुरु है, उसके बाद परमात्मा। यह भी पढें : क्या सतगुरु परमात्मा हैं? ज्यादा जानकारी के लिए पढ़ें परमात्मा हम...