बाबाजी अक्सर सत्संग में फरमाते है कि सत्संग में आपको अनुभवी बातों के बारे में बताया जाता है। जो संतों महात्माओं ने अनुभव किया है वही विचार आपके आमने रखते है। आपको किसी वक़्त के गुरु से वह रूहानी ताले की चाबी मिल सकती है। हमे हमेशा पूर्ण गुरु की संगति करनी चाहिए। क्योंकि पूर्ण गुरु ही आपको अपने निज धाम यानि परमात्मा से मिला सकता है।
बाबाजी फ़रमाते है
अगर आपको जब भी कहीं भी सत्संग मिलता है उसका हमेसा फायदा उठाना चाहिए, सत्संग से मनुष्य की सजा सुली से सुल हो जाती है, क्योंकिं सत्संग में एक पल भी बिताया है तो वो आपको रूहानियत के लिए बहुत ही सार्थक होगी। सत्संग से आपके घर - परिवार में अच्छा माहौल बनता है। घर में सुख और शान्ति का वास होता है। इससे आपके भजन-सुमिरन में मन लगता है।
अगर आपको जब भी कहीं भी सत्संग मिलता है उसका हमेसा फायदा उठाना चाहिए, सत्संग से मनुष्य की सजा सुली से सुल हो जाती है, क्योंकिं सत्संग में एक पल भी बिताया है तो वो आपको रूहानियत के लिए बहुत ही सार्थक होगी। सत्संग से आपके घर - परिवार में अच्छा माहौल बनता है। घर में सुख और शान्ति का वास होता है। इससे आपके भजन-सुमिरन में मन लगता है।
बाबाजी के वचन :- नेक-कमाई परमात्मा की प्राप्ति का आसान रास्ता है
भजन सुमिरन पर दें ध्यान
बाबाजी अक्सर बताते है कि जब भी आपको समय मिले वो पल उस परमात्मा का की याद में बिताना। कभी भी भजन सुमिरन को नही भूलना चाहिए। भजन ही आपको इस आवागमन से छुटकारा मिल सकता है। तो हमे भी चाहिए की ज्यादा से ज्यादा भजन-सुमिरन करे और चौरासी के जेलखाने से छुटकारा प्राप्त करें।
बाबाजी अक्सर बताते है कि जब भी आपको समय मिले वो पल उस परमात्मा का की याद में बिताना। कभी भी भजन सुमिरन को नही भूलना चाहिए। भजन ही आपको इस आवागमन से छुटकारा मिल सकता है। तो हमे भी चाहिए की ज्यादा से ज्यादा भजन-सुमिरन करे और चौरासी के जेलखाने से छुटकारा प्राप्त करें।
|| राधास्वामी ||