पूर्ण सतगुरु कौन? पहचान कैसे हो?

संसार में बहुत संत महात्मा आए हैं और आते रहेंगे लेकिन इन सब में सच्चा और पूर्ण गुरु बनने योग्य कौन हैं? और इनकी कैसे पहचान हो? यह जानना बहुत जरूरी है| पूरा गुरु वही है जो हमें पांच शब्दों का भेद देता है और इन पांच शब्दों के द्वारा हमें अपने सच्चे घर ले जाता है| स्वामी जी महाराज भी अपनी वाणी में यही फरमाते हैं| कि शब्द-स्वरूपी, शब्द -अभ्यासी गुरु की ही तलाश करनी चाहिए| विचार करने योग्य :- सच्ची भक्ति और पूजा यानी भजन सुमिरन हज़रत ईसा भी यही फरमाते हैं कि अगर महात्मा पूरा नहीं होगा तो वह खुद भी अपने शिष्यों के साथ डूब जाएगा| फरमाया है, 'अगर अंधा अंधे का मार्गदर्शन करेगा, तो दोनों गड्ढे में गिरेंगे|' पूरे और सच्चे गुरु की यही पहचान है कि वह हमारी आत्मा को अनहद शब्द के साथ जोड़ देते हैं| जिसे ऐसा गुरु मिल जाता है| वह अपने अंदर उस शब्द की ऊंची और मीठी आवाज को सुनना शुरू कर देता है| जो शुरू-शुरू में घंटे की आवाज के समान होती है| वह अनहद शब्द ही आनंद और कभी बंद न होने वाला ऊंचा और सबसे सच्चा संगीत है| वह शब्द ही हमेशा हमारे अंदर गूँजने वाली ईश्वरीय आवाज़...