शनिवार, 5 जनवरी 2019

बाबा जी ने बताया, ऐसे उठायें मनुष्य जन्म का लाभ

परमात्मा ने इंसान की जामे को सबसे ऊंचा रखा है। यह सीढी का आखिरी डंडा है। अगर कोशिश करते हैं तो मकान की छत पर चले जाते हैं यानी मालिक से मिल जाते हैं, अगर पैर फिसलता है तो सीधे नीचे चौरासी की जेलखाने में आ जाते हैं।


कई जन्म कीड़ों-पतंगों के पाये, कई जन्म हाथी, मछली और हिरणों के पाये, कई जन्म पक्षियों और सांपों के मिले और कई जन्म घोड़ों, पशुओं और पेड़-पौधों के पाये। काफी समय के बाद परमात्मा ने अपनी भक्ति के लिए अब यह इंसान का जामा बख्शा है। हमें इससे पूरा फायदा उठाना चाहिए।




मौलाना रूम फरमाते हैं
हमचू सब्ज़ा बारहा रोईदा अम, नुह सदो-हफ्ताह क़ाबिल दीदा अम।

अर्थात वनस्पति की तरह मैं कई बार पैदा हुआ हूं और नौ सौ सत्तर शरीर मैंने देखे हैं।


कबीर साहिब समझाते हैं
कबीर मानस जन्म दुर्लभ है होए न बारै बार।।
जीउ बन फल पाके भुए गिरह बहुर न लागह डार।।

जिस तरह वृक्ष से फल पक कर नीचे गिरता है तो वह फिर वृक्ष से वापस नहीं जुड़ सकता। इसी तरह अगर हम इंसान के जामे को अब व्यर्थ गंवा बैठेगे, तो फिर यह अवसर बार-बार नहीं मिलेगा। इसीलिए संत महात्मा समझाते हैं कि इस मनुष्य जन्म का लाभ उठाओ।




संत महात्मा हर सत्संग में भजन-सुमिरन पर जोर देते हैं। बाबा जी भी सत्संग में फरमाते हैं कि जब तक हम भजन-सुमिरन नहीं करेंगे। उस परमात्मा का ख्याल नहीं करेंगे। हम इस मनुष्य जन्म का कोई भी लाभ नहीं उठा सकते। हमें मनुष्य जन्म मिला है कि वह उस परमात्मा की भक्ति के लिए तो हमें उस परमात्मा को पाना है। भजन सिमरन करना पड़ेगा।


                  || राधास्वामी ||

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

संत मार्ग सिद्धांत की जानकारी के लिए पढ़ें

राधास्वामी जी

आप सभी को दिल से राधास्वामी जी