संत समझाते हैं कि इस दुनिया में जो कुछ भी हम अपनी आंखों से देख रहे हैं, जो कुछ भी इस दुनिया में हमें नजर आ रहा है। वह सब नाशवान है। एक दिन उनको नष्ट हो जाना है। मिट्टी में मिल जाना है।
सच से करो प्यार
संत समझाते हैं केवल सच से प्यार करो, सच की हकीकत जानो। क्योंकि सच ही है जो हमें उस परमात्मा से मिला सकता है। क्योंकि जो पदार्थ हम अपनी आँखों देख रहे हैं । वह सब बेकार की चीजें हैं। वह सब कूड़ा है।
संत समझाते हैं केवल सच से प्यार करो, सच की हकीकत जानो। क्योंकि सच ही है जो हमें उस परमात्मा से मिला सकता है। क्योंकि जो पदार्थ हम अपनी आँखों देख रहे हैं । वह सब बेकार की चीजें हैं। वह सब कूड़ा है।
राधास्वामी :- आओ सत्संग की महिमा जानें और इससे फायदा उठायें
सच्चे गुरु की संगत
हमें सच्चे गुरु की संगत करनी है। सच्चे गुरु की सोहबत बात करनी है। सच्चे गुरु से युक्ति प्राप्त करके उस परमपिता परमात्मा की भक्ति करनी है। सुमिरन में ध्यान लगाना है। ज्यादा से ज्यादा समय हमें भजन सुमिरन में देना है। क्योंकि वही एक सच है। वही एक सच है, वही एक रास्ता है, जो हमें उस परमपिता परमात्मा से मिला सकता है। इसके अलावा कोई भी ऐसी युक्ति या कोई चीज नहीं है, जो इस संसार से हमें निकाल सके।
हमें सच्चे गुरु की संगत करनी है। सच्चे गुरु की सोहबत बात करनी है। सच्चे गुरु से युक्ति प्राप्त करके उस परमपिता परमात्मा की भक्ति करनी है। सुमिरन में ध्यान लगाना है। ज्यादा से ज्यादा समय हमें भजन सुमिरन में देना है। क्योंकि वही एक सच है। वही एक सच है, वही एक रास्ता है, जो हमें उस परमपिता परमात्मा से मिला सकता है। इसके अलावा कोई भी ऐसी युक्ति या कोई चीज नहीं है, जो इस संसार से हमें निकाल सके।
भजन- सुमिरन एक रास्ता
क्योंकि और जो कुछ भी हम देख रहे हैं। वह सब हमें वापस ले आती है। भजन- सुमिरन एक ऐसा रास्ता है, एक ऐसी युक्ति है, एक ऐसी दवाई है, जो हमें इस संसार से बाहर निकाल सकती है। हमें बार-बार इस चौरासी के जेलखाने में नहीं आना पड़ेगा। हमें केवल नाम युक्ति ही उस परमपिता परमात्मा से मिला सकती है।
क्योंकि और जो कुछ भी हम देख रहे हैं। वह सब हमें वापस ले आती है। भजन- सुमिरन एक ऐसा रास्ता है, एक ऐसी युक्ति है, एक ऐसी दवाई है, जो हमें इस संसार से बाहर निकाल सकती है। हमें बार-बार इस चौरासी के जेलखाने में नहीं आना पड़ेगा। हमें केवल नाम युक्ति ही उस परमपिता परमात्मा से मिला सकती है।
राधास्वामी :- आंतरिक मार्ग की खोज, यानि निजघर का दरवाजा
हमें भी उस परमपिता परमात्मा को पाना है, तो केवल भजन-सुमिरन करना है। भजन सुमन ही एक रास्ता है। अन्यथा आप इसी तरीके से चौरासी के जेलखाने में सड़ते रहोगे, बार-बार इसी संसार में जन्म लेते रहोगे।
|| राधास्वामी ||
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